भारत का राष्ट्रीय ध्वज सभी भारतीय नागरिक की पहचान है । सभी देश का अपनी पहचान के लिए अपना एक तिरंगा होता है वैसे ही भारत देश का राष्ट्रीय ध्वज है। भारत का तिरंगा जिसे देश की आन-बान और शान कहते है। तिरंगे को देख कर हर भारतवासी का सीना गर्व से छोड़ा हो जाता है आज हम तिरंगे के इतिहास के बारे मे बताने वाले है।

:- भारत के राष्ट्रीय ध्वज मे तीन रंग है, ऊपर केसरिया बीच में सफेद ओर सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी और ये तीनों समानुपात में हैं।
:- ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरि रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है।
:-भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बीच में स्थित सफेद रंग की पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है।
:- भारत के तिरंगे मे जो सबसे नीचे हरी पट्टी है वो भारत की भूमि की पवित्रता और सुभता दिखती है।
:- सफेद पट्टी के बीच में गहरे नीले रंग का अशोक चक्र है जिसमें 24 आरे होते हैं।जिसे मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ स्तम्भ से लिया गया है।

:- तिरंगे की लंबाई और छोड़ाइ 3:2 है ।
History of Indian Flags in Hindi
:- वर्तमान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की डीसाइंग सबसे पहले यूरोप मे मेदम भिखाईजी कामा ने तैयार की थी ।
:-सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक कोलकाता में फहराया गया था।
:- स्वतन्त्रता के बाद भारत के संविधान ने नए तिरंगे की दिसाइंन के लिए झंडा समिति की रचना की गई। झंडा समिति के अध्यक्ष जे. बी. कृपलानी थे ।
:-स्वतन्त्रता के बाद “पिंगली वेंकैया “ने राष्ट्रीय धव्ज़ की दिसाइंन तैयार की थी ।
:- वर्तमान राष्ट्रीय धव्ज़ को भारतीय संविधान ने 22 जुलाई, 1947 के दिन स्वीकार किया था।
Indian Flag Hoisting Rules in Hindi:

:- किसी भी पारिस्थिति मे तिरंगा ज़मीन से छूना नहीं चाहिए ये तिरंगा का अपमान है ।किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
:- भारतीय ध्वज को सूर्योदय के समय फहराया जाना चाहिए और सूर्यास्त के समय उतारा जाना चाहिए।
:-भारतीय ध्वज को कभी भी उल्टा नहीं फहराना चाहिए।
:-स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दिवसों पर सभी सरकारी भवनों में भारतीय ध्वज फहराना अनिवार्य है।
:- भारत में हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।