भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप-Amazing Facts About Of Maharana Pratap In Hindi

महाराणा प्रताप भारत के इतिहास में अगर वीरता और सौर्य की बात आये तो छोटे से छोटे बच्चे और हर नौजवान की जुबान पर पहला नाम अगर किसी का आता है तो वह नाम है भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप का | तो आज हम आपको महाराणा प्रतापजी के बारे में कुछ रोचक बातें बताने वाले है| 

महाराणा प्रताप - Amazing Facts About Of Maharana Pratap In Hindi
 
 

महाराणा प्रताप का परिचय: 

जन्म: 9 may, 1540 

जन्म स्थल: कुम्भलगढ़, राजस्थान

वंश: सिसोदिया राजपूत

पिता: राणा उदय सिंह

माता: महाराणी जयवंता कँवर

पत्नि: 11, सबसे प्रिय – अजाब्दे पंवार 

बेटा: अमर सिंह

मृत्यु:19 January, 1597

मृत्यु स्थल: चावंड, उदयपुर

Amazing Facts of Maharana Pratap In Hindi: महाराणा प्रताप

 

:-महाराणा  के बचपन का नाम “कीका” था और उनका  पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।

:-महाराणा प्रतापजी 7 फीट 5 इंच और उनका वजन 110 किलो से अधिक था।

:-वह सिसोदिया राजपूत वंश के 13वें राजा थे।

:-महाराणा एक कट्टर हिंदू थे और भगवान शिव की पूजा करते थे।

:-महाराणा के भाले का वजन 80 किलो था और उनके सीने के कवच का वजन करीब 70 किलो था. साथ में दो  तलवार को मिलाकर महाराणा प्रतापजी युद्ध के मेदान में कुल 208 किलो वजन साथ में लेकर दुशमनो पर टूट पड़ते थे।

:-महाराणा के घोड़े का नाम “चेतक‘ था। चेतक ने महाराणा की सभी युद्ध में बहुत मदद की थी। एक बार महाराणा की जान बचाने के लिए चेतक 26 फ़ीट लम्बे नाले को भी कूद गया था और अपने स्वामी की जान बचते हुए खुद शहीद हो गया था।

:-  हल्दीघाटीका युद्ध 18 जून 1576 को हुआ था जिसमे अकबर की 80 हजार सिपाही की सेना के खिलाफ मात्र 20 हजार सिपाही के साथ महाराणा ने बहादुरी से लड़ी।

:-हल्दीघाटी के युद्ध के बाद, महाराणा 12 वर्षों के लिए अरावली पर्वत में निर्वासन में चले गए।

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:-महाराणा ने तलवार के एक ही वार से बहलोल खान को उसके घोड़े सहित दो टुकड़ों में काट डाला था।

:-अकबर ने महाराणा को 30 साल तक बंदी बनाने की कोसिस की मगर वोह हर बार नाकाम रहा ।

:-कहा जाता है की जब अकबर को महाराणा के मृत्यु की खबर हुयी तो वह भरे दरबार में रोने लगा था।

:-हकीम खाँ सूरी, हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रतापजी की तरफ से लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे।

:-मायरा  की गुफा में कई दिनों तक महाराणा प्रतापजी ने घास की रोटियां खा कर जीवन गुजरा था।

:-महाराणा का अकबर को इतना दर लगता था की कभी भी वह महाराणा के सामने युद्ध के मैदान में नहीं उतरा था।  अकबर को महाराणा प्रताप सपने में दिखाई देते थे।

:- आज भले ही महारणा हमारे बीच मोजूद नहीं है पर पूरे भारत का हर एक बचा गर्व से महारणा प्रताप का नाम बोलता है।

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